गृह प्रवेश का मुहूर्त खुद देखिए

गृह प्रवेश के मुहूर्त में आवश्यक विचार.....(संजय सनम)
अग्निवास को जानना जरूरी है.. 

तिथि संख्या....+  वार संख्या  +1 का जोड़  और इसमें 4 का भाग देने पर शेष  0  या 3 आ जाए तब अग्नि  वास पृथ्वी पर होता है और यह शुभ रहता है पर 1  आने पर आकाश और 2 आने पर पाताल अग्निवास होने से यह मुहूर्त अशुभ होता है...
अग्निवास पृथ्वी पर होने से ही गृह  प्रवेश करना चाहिए,..अन्यथा नहीं। 
गृह  प्रवेश के लिए शुभ  माह.
माघ,फाल्गुन,बेशाख, जेठ,कार्तिक माह अति शुभ
वार: ...
सोम गुरु शुक्र बुध
नक्षत्र... तीनो उत्तरा, तीनों रोहिणी, मृगशिरा, अनुराधा, चित्रा, रेवती में करना चाहिए...
लग्न स्थिर हो तो सबसे अच्छा नहीं तो द्वि स्वभाव राशि का  चयन करना चाहिए..
चंद्रमा अपनी राशि और लग्न से 6 8 ,12 में नहीं होना चाहिए
गृह  प्रवेश से पहले घर की शुद्धि के लिए  नमक के पानी के साथ सफाई और कपूर जलाना चाहिए..
तांबे के कलश में गंगा जल,गुलाब, आम के 8 पत्ते,हाथ में चावल,मंत्र जाप के साथ स्वास्तिक का निर्माण करना चाहिए...
सबसे पहले रसोई में चावल, गुड़, हरी सब्जियां रखनी चाहिए ..कलश को घर के उत्तर पूर्व में स्थापित करना चाहिए...
 सूर्य जब उत्तरायण में हो तब ही गृह  प्रवेश करना अधिक शुभ माना जाता है
 पौष,माघ,फाल्गुन, वेशाख,जेठ माह...(मार्गशीर्ष और कार्तिक को मध्यम माना जाता है)
शुभ तिथि...
2,3,5,7,10,11,12,13, शुभ(शुक्ल)
2,3,5,7,10,11(कृष्ण)... मध्यम
द्वादशी से अमावस्या तिथि प्रवेश नही करना चाहिए...
गृह  प्रवेश में गुरु शुक्र अस्त नही होने चाहिए...
शुभ वार... सोम  बुध, गुरु, शुक्र
  वृषभ, सिंह, वृश्चिक लग्न अर्थात स्थिर लग्न में प्रवेश सबसे अधिक शुभ...
शुभ नक्षत्र....
अश्विनी,पुनर्वसु,पुष्य, हस्त,उत्तराफाल्गुनी उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढा,  रोहिणी, रेवती श्रवण, शतभिषा, स्वाति, अनुराधा, मघा  ,घनिष्ठा
पुष्य नक्षत्र में पुराने घर को सुधारा गया हो उसमे प्रवेश कर सकते है..नवीन गृह में नहीं..

अशुभ नक्षत्र..
भरणी,विशाखा,अश्लेषा
गृह  प्रवेश के समय गोचर का चंद्रमा 6 8 12 में नहीं होना चाहिए..
सम्मुख चंद्रमा या दाहिना चंद्रमा हो तो शुभ.....
योगिनी...बांए हाथ और पीठ के पीछे की योगिनी शुभ।
रिक्ता  तिथियों में (4 9 14) मे कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए...
वास्तु कलश पूजा करते वक्त यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि उस दिन सूर्य के  नक्षत्र से चंद्रमा तक के नक्षत्र की गणना मुहूर्त में 6 से 13 और 22 से 27 वी संख्या ही होनी चाहिए तब ही गृह  प्रवेश शुभ और स्वस्थता,समृद्धि और मन को शांति देने वाला रहेगा अन्यथा विपरीत प्रभाव मिलने की संभावना प्रबल रहेगी।

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